A SECRET WEAPON FOR HINDI POETRY

A Secret Weapon For hindi poetry

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पाठकगण हैं पीनेवाले, पुस्तक मेरी मधुशाला।।४।

जगती की शीतल हाला सी पथिक, नहीं मेरी हाला,

अंधकार है मधुविक्रेता, सुन्दर साकी शशिबाला

झड़ी लगाकर बरसे मदिरा रिमझिम, रिमझिम, रिमझिम कर,

मुनि कन्याओं सी मधुघट ले फिरतीं साकीबालाएँ,

दुतकारा मस्जिद ने मुझको कहकर है पीनेवाला,

बोल रहा इतिहास, देश सोये रहस्य है खोल रहा

nyc web site ..........if u have any poem Along with the lines read more as satya hai girti jab gaaj kathi bhu dhar ka ur khul jata hai , jab chakra chalta hai mastak shishupalon ka kat jata hai Anonymous

देखो प्याला अब छूते ही होंठ जला देनेवाला,

द्रोणकलश जिसको कहते थे, आज वही मधुघट आला,

बार बार मैंने आगे बढ़ आज नहीं माँगी हाला,

आज फिर मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार बार 

ठुकराया ठाकुरद्वारे ने देख हथेली पर प्याला,

एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला,

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